सरकारी सेवाओं में आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थी नहीं पा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने यूपी लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2020 में यह प्रावधान कर दिया है।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल ने शासन के समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को अधिनियम की प्रति भेजते हुए कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है।
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प्रदेश की योगी सरकार ने एक फरवरी, 2019 से सरकारी सेवाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत पद आरक्षित करने की व्यवस्था की है। अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि यूपी के बाहर के अभ्यर्थी आरक्षण की इस सुविधा के पात्र नहीं होंगे।
इसी तरह अधिनियम में व्यवस्था की गई है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का कोई व्यक्ति योग्यता के आधार पर किसी खुली प्रतियोगिता में अनारक्षित अभ्यर्थियों के साथ चयनित किया जाता है तो उसे आर्थिक आधार पर तय आरक्षण के सापेक्ष समायोजित नहीं किया जाएगा।
इसी तरह यदि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए निश्चित रिक्ति पर इस वर्ग का उपयुक्त अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होता है तो ऐसी रिक्तियां अगली भर्ती वर्ष के लिए बैकलाग के रूप में नहीं रोकी जाएंगी। इस तरह बचे पद अनारक्षित श्रेणी के पात्र अभ्यर्थियों से भर ली जाएंगी।
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