योगी सरकार ने किया UPSSF का गठन, बिना वारंट गिरफ़्तारी, तलाशी समेत मिली ये ढेर सारी शक्ति!


आए दिन अपराधों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है उसी के मद्देनजर अब उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपी एसएसएफ) को बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति और वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने यूपीएसएसएफ के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसका मुख्यालय लखनऊ होगा और अपर पुलिस महानिदेशक स्तर का अधिकारी इसका मुखिया होगा। साथ ही साथ आपको बताते चलें कि यह बल सरकारी संस्थानों के साथ साथ निजी संस्थानों को भी सुरक्षा मुहैया कराएगी।

यूपी एसएसएफ प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की मिली छूट:

अधिसूचना के अनुसार, यदि यूपी एसएसएफ को विश्वास हो जाए कि कोई अपराध किया गया है या किया जा रहा है और अपराधी भाग सकता है, हमला कर सकता है तो वह उसकी संपत्ति व घर की तलाशी लेने के साथ ही उसे गिरफ्तार कर सकती है। इसके लिए वारंट और मजिस्ट्रेट की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। ऐसी कार्यवाही में सुरक्षा बल के अधिकारी या सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा सकेगा। न्यायालय भी विशेष सुरक्षा बल के किसी सदस्य के विरुद्ध किसी अपराध का संज्ञान नहीं लेगा।

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यूपी विशेष सुरक्षा बल इन जगहों पर होंगे तैनात:

उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल विधेयक 2020 को 22 अगस्त को विधानमंडल में पारित किया गया था। यह 6 अगस्त 2020 से लागू माना जाएगा। विशेष सुरक्षा बल को बहुत सारी शक्तियां दी गई हैं। बिना सरकार की इजाजत के यूपी एसएसएफ  के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ  कोर्ट भी संज्ञान नहीं लेगा। यूपी एसएसएफ के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ खंडपीठ, जिला न्यायालयों, राज्य सरकार के महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यालयों, पूजा स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डों, बैंकों व वित्तीय संस्थाओं, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी। प्राइवेट कंपनियां भी पेमेंट देकर यूपी एसएसएफ की सेवाएं ले सकेंगी। शुरुआत में इसकी पांच बटालियनें गठित होंगी।

उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल विधेयक 2020 के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पुलिस के अधिकारी या उनकी अनुपस्थिति में नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट केसाथ ले जाना होगा। बल के प्रत्येक सदस्य को सदैव ड्यूटी पर माना जाएगा। उन्हें राज्य के भीतर किसी भी स्थान पर नियोजित किया जा सकता है। राज्य सरकार इस अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए नियमावली बना सकती है।

इसलिए किया गया स्पेशल फोर्स गठन:

यूपी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों की सुरक्षा पुलिस व पीएसी कर रही है जो इस कार्य के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित व कुशल नहीं है। इसे देखते हुए तथा प्रदेश की अदालतों व महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के मद्देनजर यूपी एसएसएफ के गठन का निर्णय किया गया।ॉ

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