कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में अब तक दो करोड़ 39 लाख के करीब लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। आठ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, चीन के वुहान शहर से पिछले साल दिसंबर में फैला कोरोना वायरस का संक्रमण अब पूरी दुनिया में फैल चुका है, लेकिन अब तक इस वायरस की कोई प्रमाणिक वैक्सीन तैयार नहीं की जा सकी है। हालांकि दुनियाभर के वैज्ञानिक इस प्रयास में लगे हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 23 वैक्सीन मानव परीक्षण के दौर में चल रहे हैं, जिसमें से कुछ पहले और दूसरे चरण में हैं तो कुछ तीसरे यानी अंतिम चरण में। आइए जानते हैं इनमें से कौन-कौन सी वैक्सीन से लोगों को सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं, वो कब आएंगी और उनकी कीमत क्या होगी।
वैक्सीन बनाने की रेस में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 सबसे आगे है। ऑक्सफोर्ड ने इसके उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका कंपनी के साथ साझेदारी की है और भारत में इसके उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ सीरम इंस्टीट्यूट ने साझेदारी की है। फिलहाल इसके अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। माना जा रहा है कि दिसंबर तक यह बाजार में आ जाएगी। इसकी कीमत करीब चार डॉलर यानी करीब 297 रुपये होगी।
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अमेरिका की ड्रग कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन mRNA-1273 का फिलहाल तीसरे यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है, जिसमें 30 हजार लोगों को शामिल किया गया है। इस ट्रायल को सितंबर में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी ने इस साल दिसंबर तक वैक्सीन को बाजार में उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। माना जा रहा है कि इसकी कीमत 1800 से 2300 रुपये के बीच हो सकती है।
चीन की फार्मा कंपनी सिनोफार्म ने हाल ही में घोषणा की है कि इस साल के अंत तक वो कोरोना की वैक्सीन बना लेगी। फिलहाल इसके तीसरे चरण का ट्रायल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में चल रहा है और इसके दिसंबर तक बाजार में आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन की दो खुराक की कीमत 1000 युआन करीब 10,700 रुपये होगी।
चीनी कंपनी कैन्सिनो बायोलॉजिक्स इंक की वैक्सीन Ad5-nCoV को पेटेंट मिल गया है। साथ ही बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के सहयोग से बनाई गई इस वैक्सीन को चीन में सैन्य इस्तेमाल की अनुमति भी मिल चुकी है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि इस साल के अंत तक यह वैक्सीन बाजार में आ सकती है। हालांकि इसकी कीमत का अभी खुलासा नहीं किया गया है।
रूस की वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ ?
रूस ने तो 11 अगस्त को ही वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ को लॉन्च करने का दावा कर दिया था। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इसे सुरक्षित और प्रभावी बताया था। हालांकि इसके तीसरे यानी अंतिम चरण का ट्रायल अभी नहीं हुआ है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, गमलेया इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित इस वैक्सीन का ट्रायल 40,000 स्वयंसेवकों पर किया जाएगा, जिसके लिए सरकार से अनुमति मिल चुकी है। गमलेया रिसर्च सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने संकेत दिया है कि अगले महीने यानी सितंबर में बड़े पैमाने पर देश में टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा। इस वैक्सीन की कीमत क्या होगी, इस बारे में अभी कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है।
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