सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कैबिनेट के सामने प्रस्तुतीकरण मंत्रियों को ही करना होगा, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सिर्फ सहयोग के लिए उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही भी तय की जाए। अफसर और मंत्रियों, दोनों के लिए निर्देश दिए कि कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां संबंधित मंत्री द्वारा ही की जाएंगी। दरअसल, कई मंत्री अब तक पूरी तरह अधिकारियों पर आश्रित रहे हैं। कैबिनेट में चर्चा के लिए कोई प्रस्ताव जाने पर मंत्री उसे नहीं समझा पाते थे, तब अधिकारी सब समझाते थे।
यह भी पढ़ें :- लखनऊ: मार्च में ही तेज धूप से बेहाल हो रही राजधानी, तापमान पहुंचा 39 डिग्री के पार
अब जिस तरह से नए मंत्रिपरिषद का गठन किया गया है, उससे इशारा मिल ही चुका है कि सरकार अब मंत्रियों के काम का आकलन भी करना चाहती है। जब एक-एक प्रस्ताव से वह सीधे जुड़े होंगे, तब उनकी जवाबदेही बनेगी और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरशाही पर भी कुछ नियंत्रण रहेगा।
कैबिनेट मंत्री
सूर्य प्रताप शाही
सुरेश कुमार खन्ना
स्वतंत्र देव सिंह
बेबी रानी मौर्य
लक्ष्मी नारायण चौधरी
जयवीर सिंह
धर्मपाल सिंह
नंद गोपाल नंदी
भूपेंद्र सिंह चौधरी
अनिल राजभर
जितिन प्रसाद
राकेश सचान
अरिवंद कुमार शर्मा
योगेंद्र उपाध्याय
आशीष पटेल
संजय निषाद
खबरें और भी हैं :-
1 अप्रैल से 800 जरूरी दवाएं हो जाएंगी महंगी, 10.7% बढ़ेंगे दाम, जानिए किस पर कितना होगा असर
गोमती नगर में मकान मालिक ने नाबालिग को बॉय फ्रेंड से बात करते हुए पकड़ा, फिर हर रोज करने लगा रेप
लखनऊ:- दस हजार रुपये से ज्यादा बिजली का बिल बकाया तो कट जाएगा कनेक्शन !!
आस्था का केंद्र माँ चन्द्रिका देवी धाम, जानिए क्या है मान्यता
खबरों को फेसबुक पर पाने के लिए लाइक करें
0 Comments