Ayush Bajpai
तुम्हारी हर तकलीफ़ में तुमसे पहले
दरवाज़े पर खड़े दरबान से होते हैं
माँ-बाप चाहे किसी के भी हों मियां
अंधेरे कमरे में रौशनदान से होते हैं
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Ayush Bajpai
तुम्हारी हर तकलीफ़ में तुमसे पहले
दरवाज़े पर खड़े दरबान से होते हैं
माँ-बाप चाहे किसी के भी हों मियां
अंधेरे कमरे में रौशनदान से होते हैं
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