लोहिया संस्थान में सर्जरी कराने वाले मरीजों की वेटिंग बढ़ती जा रही है। हालत यह है कि संस्थान में सर्जरी के लिए निर्धारित तिथि में मरीज पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें बाद में आने की सलाह देकर लौटा दिया जा रहा है।
ऐसे में मरीज परेशान हैं। दूरदराज से आने वाले मरीज संस्थान में ही दो से तीन दिन रुक कर इलाज करवाने का प्रयास करते हैं, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
लेकिन हकीकत यह है कि इन विभागों में इलाज के लिए आने वाले मरीज परेशान हैं। इन विभागों के डॉक्टर व कर्मचारियों की कोरोना वार्ड में भी ड्यूटी लगाई जा रही है।
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ऐसे में पहले से दी गई तिथि पर मरीज अस्पताल आते हैं और यहां से उन्हें महीने भर बाद आने की सलाह देकर लौटा दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया है। इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है।
कासगंज निवासी वैभव माहेश्वरी ने भेजी गई शिकायत में बताया कि उनकी मां का लोहिया संस्थान से इलाज चल रहा है। उनकी सर्जरी एक सितंबर को होनी थी।
ऐसे में मरीज को पांचवीं मंजिल के रूम नंबर आठ में भर्ती किया गया। लेकिन ऐन मौके पर बताया गया कि संबंधित डॉक्टर की ड्यूटी कोविड वार्ड में लग गई है।
ऐसे में 23 दिन बाद आएं। काफी प्रयास के बाद दूसरे डॉक्टर से सर्जरी कराने का विकल्प दिया गया। इसी तरह दूसरे विभागों के मरीज भी परेशान हैं।
इमरजेंसी वाले मरीजों की सर्जरी की जा रही
लोहिया संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि इमरजेंसी वाले मरीजों की सर्जरी की जा रही है। जो लोग पॉजिटिव हो गए हैं अथवा कोविड वार्ड में ड्यूटी है, उनके मरीजों को कुछ समय बाद बुलाया जा रहा है। जिन मरीजों की हालत गंभीर है तो संबंधित विभाग के दूसरे सर्जन से सर्जरी कराई जा रही है।
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