लखनऊ सहित आसपास के जिलों में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के चलते शादी के परिवारों की बेचैनी बढ़ गई, जिनकी 100-200 किमी के दायरे में बरात जाना है। दरअसल, 18, 19, 20 व 22 फरवरी की शादियों में बरातियों को ले जाने के लिए निजी ऑपरेटर की बसें नहीं मिल रहीं हैं।
लखनऊ सहित आसपास के जिलों में 23 फरवरी को मतदान होने के कारण संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने निजी बसों को शादी परमिट देना बंद कर दिया है। जबकि आरटीओ बसों का अधिग्रहण करने के लिए मालिकाें को नोटिस जारी कर चुका है। नोटिस के मुताबिक 20 फरवरी की शाम पांच बजे तक ये बसें रिजर्व पुलिस लाइंस में मालिकों को पहुंचाने का अल्टीमेटम है। ऐसे परिवार विकल्प के रूप में ट्रेवल एजेंसियों में कार की बुकिंग करा रहे हैं, जिससे अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी।
उपलब्ध बसों का भाड़ा ज्यादा
शादी के एक परिवार ने बताया कि रोडवेज की बसें तो हैं, मगर उनका भाड़ा अधिक होने से बुक नहीं करा रहे हैं। कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन ने बताया कि 52 सीटर बस का 400 किमी शादी की यात्रा के लिए 24,081 रुपये का भाड़ा तय किया है। ये बुकिंग भी 24 घंटे के लिए होगी। बस 400 किमी से अधिक चलती है तो फिर प्रति किमी रेट भाड़ा अलग से चुकाना पड़ता है। उन्होंने बताया अब तक बरात के लिए कोई बस बुक नहीं हुई है।
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तीन-तीन तरफ से दबाव
लखनऊ निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के महामंत्री मेजर एमए खान ने बताया कि चुनाव में निजी ऑपरेटरों की रूट, स्कूल व सिटी बसों का अधिग्रहण करने के लिए तीन-तीन तरफ से दबाव है। एक तो आरटीओ ने नोटिस जारी कर दिया। लोकल थाना की पुलिस एवं जिला प्रशासन अलग से लखनऊ में 23 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए 20 फरवरी को बसें अपने कब्जे ले लेगा। उधर, आरटीओ के द्वारा शादी के लिए बस परमिट देना भी बंद कर दिया गया है। मेजर एसए खान ने बताया कि आरटीओ 20 फरवरी को बसों का अधिग्रहण करेगा और 23 फरवरी को छोड़ेगा। इस तरह बस चार दिन ड्यूटी करेगी, मगर 2000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से तीन दिन का भाड़ा मिलेगा।
निजी बसाें का भाड़ा
50 किमी 5000-6000 रुपये
100 किमी 16,000-17,000 रुपये
शादी बस परमिट पर नहीं पाबंदी
संभागीय परिवहन कार्यालय ने शादी के लिए बस परमिट देने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। निजी बस ऑपरेटरों का यह कहना गलत है। ऑपरेटर आवेदन करेंगे तो प्रशासन से अनुमति लेकर परमिट देने पर विचार किया जाएगा।
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