मरीजों की शिफ्टिंग की नाकामी पर होम आइसोलशन का पर्दा डाला जा रहा है। लिहाजा, मरीज अपने हाल पर वायरस से घर पर जंग लड़ रहे हैं। 24 वर्षीय प्राची शुक्ला (24) बंगला बजार में किराए पर रहती हैं। उनके संग में मां बीना शुक्ला, दो बहन, एक भाई भी है। 21 जुलाई को प्राची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कंट्रोल रूम पर कई बार कॉल की। मगर, सुनवाई नहीं हुई। अस्पताल में शिफ्टिंग नहीं हो सकी है। लिहाजा, घर के बाथरूम में फोल्डिंग डाल दी गई। प्राची चार दिनों से बाथरूम में ही रात-दिन गुजारने का मजबूर है। वहीं जीने पर बैठकर भोजन कर लेती है। कई सिफारिशें कराईं। ऐसे में शनिवार शाम पांच बजे एंटीजेन टेस्ट के लिए टीम आई। मकान मालिक व घर के सदस्यों के टेस्ट कर लौट गई।
हाल तक नहीं पूछा
बीना शुक्ला के मुताबिक एक बार भी फोन कर मरीज की तबीयत का हाल नहीं लिया गया। वहीं स्वास्थ्य अफसर तीन बार रोज हेल्थ अपडेट अनिवार्य का दावा कर रहे हैं।
-बेटे की तबीयत खराब, मम्मी-पापा हुए बीमार : मवैया निवासी 24 वर्षीय नैमिष को होम आइसोलशन में कर दिया गया। पिता मनोज के मुताबिक सीएमओ, डीएसओ के नंबर पर कई बार फोन किया। मगर, कोई सुनवाई नहीं हुई है। मनोज उनकी पत्नी सीमा में भी बुखार आ गया है। अभी तक प रिवारजनों की सैंपलिंग के लिए टीम नहीं पहुंची।
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नए सीएमओ का दावा, सुधार देंगे व्यवस्था
लखनऊ के नवनियुक्त सीएमओ डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि होम आइसोलेशन में गाइड लाइन को नजरंदाज करने के मामले सामने आए हैं। इसमें सुधार किया जाएगा।
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