Lucknow News :- केजीएमयू में सोमवार तड़के जनरेटर सहित करीब 30 लाख का सामान गुपचुप तरीके से ट्रक से परिसर के बाहर भेजा जा रहा था। सुरक्षाकर्मियों ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी, जिस पर ट्रक रोक लिया गया। जांच को चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। मामले में एक इंजीनियर पर आरोप लग रहे हैं। वहीं, चीफ प्रॉक्टर ने कोतवाली में तहरीर दी है। ट्रक ड्राइवर को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
तड़के परिसर में आए ट्रक में क्रेन से जनरेटर लादा गया। अन्य सामग्री भी लोड कर ली गई। ट्रक रवाना होने लगा तो सुरक्षाकर्मियों ने जनसंपर्क अधिकारी को सूचना दी। उन्होंने चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएस कुशवाहा को बताया। इस पर अधिकारी पहुंचे और ट्रक को रोका। जांच के लिए चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अब्बास अली, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. कलीम अहमद और प्रो. क्षितिज श्रीवास्तव की कमेटी बनाई दी है। इसे सप्ताह भर में रिपोर्ट देनी है।
कमेटी इसकी भी पड़ताल करेगी कि कई सालों से निष्प्रयोज्य सामग्री की नीलामी क्यों नहीं हुई। कबाड़ में निकलने वाले सामान को लेकर के केजीएमयू प्रशासन जल्द ही नई गाइडलाइन भी तैयार कर सकता है। सामान भेजवाने में इंजीनियर एसपी सिंह का नाम सामने आ रहा है। इस संबंध में उनका पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
होगी सख्त कार्रवाई
केजीएमयू प्रशासन मामले की जांच करा रहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। – डॉ. सुधीर सिंह, मीडिया प्रभारी केजीएमयू
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