Lucknow news live:- आरटीओ के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से चोरी व कबाड़ में नीलाम ऑटो जाली दस्तावेज तैयार कर बेचे जा रहे थे। ऐसे ही एक गिरोह से जुड़े सात लोगों को विभूतिखंड पुलिस ने दबोचा है। 11 ऑटो के साथ जाली रजिस्ट्रेशन पेेपर व अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सभी को जेल भेज दिया गया है। पुलिस को इस खेल में शामिल आरटीओ कर्मियाें, तीन कबाड़ियों के साथ गिरोह के अन्य लोगों की तलाश है। डीसीपी पूर्वी चारू निगम के मुताबिक, जाली दस्तावेज व नंबरों पर ऑटो चलने की जानकारी के बाद टीम बनाकर ऐसे वाहनों पर नजर रखी जा रही थी।
पर्दाफाश करने वाली टीम को 20 हजार रुपये इनाम
रविवार देर शाम एक ऑटो को चालक सहित पिकप भवन के पास से पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने 10 और ऑटो बरामद किए। जिस पर चेसिस नंबर नहीं थे। सभी के नंबर फर्जी व दस्तावेज जाली थे। गिरफ्तार आरोपियों में आलमबाग के गढ़ी कनौरा निवासी असलम खान, पारा के न्यू कांशीराम कॉलोनी का राघवेंद्र सिंह, गाजीपुर के सेक्टर-17 इंदिरानगर का राम मोहन सोनी, हरदोई के हरदेवगंज निवासी नागेंद्र मिश्रा, नहर कॉलोनी के पीछे आशानगर का वेद प्रकाश यादव, सराय थोक पश्चिमी का संजय कुमार और कासिमपुर हसनापुर का अभिषेक सिंह शामिल हैं।
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प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड संजय शुक्ला के मुताबिक, गिरोह में 15 लोग हैं। वहीं आरोपी सरोजनीनगर स्थित आरटीओ के गेट नंबर-3 के सामने रहने वाले फौजी कबाड़ी, मुल्ला कबाड़ी और कृष्णानगर के केशरीखेड़ा का अजय वर्मा, आलमबाग के गुड्डू से ऑटो खरीदते थे। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने पर्दाफाश करने वाली टीम को 20 हजार रुपये इनाम दिया है।
प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड संजय शुक्ला के मुताबिक, गिरोह में 15 लोग हैं। वहीं आरोपी सरोजनीनगर स्थित आरटीओ के गेट नंबर-3 के सामने रहने वाले फौजी कबाड़ी, मुल्ला कबाड़ी और कृष्णानगर के केशरीखेड़ा का अजय वर्मा, आलमबाग के गुड्डू से ऑटो खरीदते थे। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने पर्दाफाश करने वाली टीम को 20 हजार रुपये इनाम दिया है।
एसीपी स्वतंत्र सिंह के मुताबिक गिरोह कई गुटों पर बंटकर काम करता था। एक गुट ऑटो चोरी कर जाली पेपर तैयार कर बेचता था। दूसरा गुट आरटीओ से कबाड़ में नीलाम हो चुकी गाड़ियों को खरीदकर मरम्मत कराकर फर्जी नंबरों व पेपर के जरिए बेचता था।
ऐसे तैयार करते थे दस्तावेज
गिरोह आरटीओ द्वारा काली सूची में डाले गए ऑटो के नंबरों को खंगालता। फिर आरटीओ कर्मचारियों से मिलकर उन नंबरों व ऑटो की डिटेल हासिल करता। पहले से हासिल रजिस्ट्रेशन के ब्लैंक पेपर पर आरसी तैयार कर देता।
जालसाजों ने खुद का चलता-फिरता कार्यालय खोल रखा था। एडीसीपी पूर्वी अमित कुमार के मुताबिक दो जाली रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, शासन के प्रतीक चिह्न के वाटरमार्क वाले चार ब्लैंक आरसी पेपर, दो प्रिंटर, एक स्कैनर-प्रिंटर, तीन लैपटॉप व एक विभागीय मुहर बरामद हुई है। आरसी के प्रति ब्लैंक पेपर के लिए गिरोह दो-तीन हजार देता था।
आरटीओ हरदोई के कर्मी भी शामिल
वेव पुलिस चौकी प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि गिरोह में हरदोई के आरटीओ के कुछ कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं। जालसाजों ने 60 गाड़ियां बेचने की जानकारी दी है। गिरोह दस से 12 हजार में कबाड़ की दुकान से ऑटो खरीदता था। बाद में 50 से 60 हजार में बेच देता था।
इन रूट पर चलते हैं चोरी के ऑटो
नहरिया से दुबग्गा, नहरिया से राजाजीपुरम, चारबाग से कैसरबाग, इंदिरानगर से बीबीडी, बीबीडी से गोमतीनगर। इसके अलावा कृष्णानगर, सरोजनीनगर, आशियाना, मोहनलालगंज इलाके में।
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