लखनऊ बहुत प्राचीन शहर है। इतिहासकार इसके संबंध में भिन्न-भिन्न मत रखते हैं। जानते हैं लखनऊ के बारे में 7 खास बातें।
1. कौशल राज्य : मान्यता है कि लखनऊ शहर लक्ष्मण ने बसाया था। उत्तर भारत में लक्ष्मण को लखन भी कहते हैं। लखनऊ उस क्षेत्र में स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ प्राचीन कौशल राज्य का हिस्सा था।
2. लक्ष्मणपुर या लखनपुरी : कहते हैं कि प्राचीनकाल में इसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना जाता था, जो बाद में बदलकर लखनऊ हो गया। यहां से अयोध्या मात्र 80 मील दूरी पर स्थित है। 11वीं शताब्दी तक लखनपुर (या लक्ष्मणपुर) के नाम से यह शहर जाना जाता था। एक अन्य मतानुसार यह शहर लक्ष्मण के बाद लक्ष्मणवती के रूप में जाना जाता था। यह नाम पहले लखनवती और फिर विकृत होते-होते लखनौती और आखिरकार लखनऊ में बदल गया।
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3. बागों का शहर : गोमती नदी के तट पर स्थित लखनऊ को मुस्लिम काल में नवाबों का शहर कहा जाने लगा और वर्तमान में लखनऊ को ‘बागों का शहर’ कहा जाता है।
4. लक्ष्मणटीला : लखनऊ शहर के पुराने भाग में एक ऊंचा ढूह है, जिसे लक्ष्मणटीला कहा जाता है। यहां पुरातात्विक खुदाई में वैदिक कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। कहते हैं कि लक्ष्मणटीला पर पहले लक्ष्मणजी का प्राचीन मंदिर था जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब ने तुड़वाकर एक मसजिद बनवाई थी।
6.मुस्लिम शासन : लखनऊ अकबर, जहांगीर और औरंगजेब के बाद मुहम्मदशाह, सआदत खां, सफदरजंग, शुजाउद्दौला, गाजीउद्दीन हैदर, नसीरुद्दीन हैदर, मुहम्मद अली शाह और अंत में लोकप्रिय नवाब वाजिद अली शाह ने क्रमशः शासन किया। नवाब आसफुद्दौला के समय राजधानी फैसलाबाद से लखनऊ लाई गई। इन सभी शासकों के दौरा में लखनऊ का हिन्दू स्वरूप मिटा दिया गया। इमामबाड़ा, मस्जिदें, ईदगाह, कोठी, जमातखाना, मदरसे, बाग आदि कई मुस्लिम स्थल बनाए गए।
7. लखनऊ पर अंग्रेजों का शासन : 1856 ईस्वी में अंग्रेजें ने वाजिद अली शाह को गद्दी से उतार कर संपूर्ण अवध क्षेत्र को ब्रिटिश भारत में सम्मिलित कर लिया गया। तब 1902 में ‘नार्थ वेस्ट प्रोविन्स’ का नाम बदल कर ‘यूनाइटिड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध’ कर दिया गया। स्वतंत्रता के बाद 12 जनवरी सन् 1950 में इसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रख दिया गया।
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