Lucknow News :- लखनऊ में कोरोना के प्रकोप के बीच डेंगू का दंश बरकरार है। अस्पतालों में हर रोज मरीज भर्ती हो रहे हैं। मगर, कोरोना की आड़ में डेंगू की मौतों पर पर्दा डाला जा रहा है। स्थिति यह है कि शहर के दो सौ मोहल्लों में डेंगू फैला है। मगर, लैब-अस्पताल द्वारा मरीजों की रिपोर्टिंग छिपाई जा रही है।
शहर में 950 रजिस्टर्ड नर्सिंग होम हैं। वहीं 650 के लगभग पैथोलॉजी हैं। अगस्त अंत तक सरकारी अस्पताल डेंगू की रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय नहीं भेज रहे थे। वहीं अब लोहिया संस्थान, केजीएमयू, पीजीआइ व अन्य सरकारी अस्पताल द्वारा रिपोर्टिंग शुरू कर दी गई है। वहीं निजी सिर्फ छह लैब ही डेंगू के मामले सीएमओ दफ्तर को बता रही हैं। ऐसे में डेंगू की हकीकत पर पर्दा पड़ा हुआ है। करीब 20 दिन पहले चाणक्यपुरी निवासी महिला की इंदिरा नगर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। परिवारजनों को अस्पताल में डेंगू बताया ।
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मगर, सीएमओ कार्यालय में अभी तक डेंगू से मृतकों का आंकड़ा शून्य बना हुआ है। ऐसे ही कई मरीजों की डेंगू से मौत हो चुकी है। मगर, किसी की डेथ ऑडिट नहीं की गई है। वहीं, जनवरी से अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 107 ही हुई है। यह हाल तब है जब शहर के 110 वाडों के दो सौ मोहल्लों में डेंगू की दस्तक है। वहीं नगरीय मलेरिया अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी के मुताबिक डेंगू के करीब 200 मोहल्ले चिन्हित किए गए हैं। इसमें 35 टीमें एंटीलार्वा छिड़काव कर रही हैं। जैसे ही कोई डेंगू का केस रिपोर्ट होता है। वहां, तत्काल मच्छर रोगी कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा सभी लैब व अस्पतालों के डेंगू मरीजों का ब्योरा भेजने का निर्देश दिया गया है। अभी तक डेंगू से मौत की जानकारी नहीं मिली है।
यहां डेंगू के लिए बेड
ग्रामीण क्षेत्रों की 11 सीएचसी पर डेंगू के लिए बेड रिजर्व किए गए हैं। वहीं लोहिया संस्थान में 20 बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व हैं। बलरामपुर अस्पताल में 30 बेड, सिविल अस्पताल में 30 बेड रिजर्व किए गए हैं। ऐसे ही बीआरडी व आरएलबी में भी डेंगू मरीज के लिए 10-10 बेड व केजीएमयू में 30 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है।
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ये हैंं लक्षण
1. तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द
2. कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना
3. चेहरे, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना
4. डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना
5. डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना
6. शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना
बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें।
कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें
एकत्र पानी में मच्छर भगाने का तेल स्प्रे करें।
एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें
घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें।
छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें
पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें
शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें।
बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं।
संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं।
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