अस्पताल में अकेलेपन से घबरा रहे कोरोना मरीजों ने छिपाई बीमारी, मॉनिटरिंग में हुआ खुलासा


Lucknow corona news :- कोरोना मरीज अस्पताल में अकेलेपन से घबरा रहे हैं। लिहाजा, भर्ती के भय में वह बीमारी छिपा रहे हैं। ऐसे में घर पर एकाएक उनकी तबीयत बिगड़ रही है। ऐसे में उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में शिफ्ट कराना पड़ा। इस बीच जरा सी चूक उनकी जिंदगी पर भी भारी पड़ रही है। शहर में होमआइसोलेशन के ढाई हजार से अधिक मरीज दूसरे रोगों से गिरफ्त मिले। यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग में हुआ।

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शहर में 11 मार्च को पहला कोरोना मरीज पाया गया। पहले सभी पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए। जुलाई में मरीजों की भरमार हो गई। लिहाजा, अस्पतालों में बेडों को लेकर मारामारी बढ़ गई। वहीं, होमआइसोलेशन को लेकर भी आवाज उठने लगी। ऐसे में सरकार ने 21 जुलाई को होमआइसोलेशन की सुविधा मुहैया करा दी। कोरोना के बिना लक्षण (एसिम्प्टोमेटिक) मरीजों को घर पर इलाज की सुविधा मिल गई। वहीं कोरोना के लक्षण वाले मरीज व 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके संक्रमित बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती करने का आदेश है। ऐसे में कई मरीजों ने अस्पताल में भर्ती के भय से बीमारी छिपा ली। लिहाजा, कोविड कंट्रोल रूम में फोन पर गलत हिस्ट्री नोट कराकर होमआइसोलेशन एलॉट करा लिया।

इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग में कई मरीज दूसरी बीमारी से गिरफ्त में मिले। वहीं, तबीयत बिगड़ने पर खुद कइयों ने कोविड अस्पताल के लिए कॉल की। लिहाजा, जुलाई से अब तक 2570 के करीब मरीज घर से एकाएक अस्पताल शिफ्ट कराने पड़े।

डायबिटीज, किडनी, हार्ट की बीमारी पर डाला पर्दा

शहर में गुरुवार तक 53 हजार 493 मरीज कोरोना के पाए गए। इसमें 709 मौत के शिकार हो गए। वहीं, कुल मरीजों में 38 हजार 739 को होमआइसोलेशन आवंटन किया गया। इस दौरान कोरोना मरीजों व उनके परिजनों ने फोन पर दूसरी बीमारी छिपाई। घर से अस्पताल शिफ्ट किए गए मरीजों में डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी, अस्थमा, सीओपीडी, लिवर, कैंसर की बीमारी से घिरे मिले। सीएमओ कार्यालय प्रवक्ता योगेश चंद्र रघुवंशी के मुताबिक होमआइसालेशन के ढाई हजार से अधिक मरीजों को अस्पताल शिफ्ट कराया गया। लोग बीमारी न छिपाएं, ऐसा करने से उनके जीवन को ही खतरा है।

10 दिन तक रखनी होती है सेहत पर नजर

होमआइसोलेशन में भर्ती मरीज को दस दिन तक सेहत पर नजर रखनी होती है। इसके बाद वह होम क्वारंटाइन में रहता है। मसलन, 10 दिन बाद 14 दिन तक घर में ही रहे। मरीज को गुनगुना पानी, काढ़ा, पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। वहीं आवश्यता होने पर विटामिन सी, विटामिन डी व अन्य दवाएं भी डॉक्टर की सलाह पर लेनी होती है।

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