यूपी के मनोचिकित्सक जानेंगें बच्चों की ‘मन की बात’
महिला व बाल कानूनों पर वर्कर्स को दिया जाएगा ‘कैप्सूल प्रशिक्षण’
यूपी में बच्चों और महिलाओं को अधिकारों के प्रति कर रहे जागरूक
महिला कल्याण विभाग द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में होगा ‘शक्ति संवाद’
लखनऊ, 24 नवंबर।
यूपी में महिला कल्याण विभाग ने मिशन शक्ति अभियान के तहत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ मिलकर अब तक 4 करोड़ 61 लाख 77 हजार 984 बच्चों को जागरूक किया है। विभाग की ओर से यूपी के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर महिला और बच्चों की सुरक्षा, सेहत व मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक किया गया है।
बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि प्रदेश भर के मनोचिकित्सक द्वारा प्राथमिक व डिग्री कॉलेजों में बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है। विभाग की ओर से मिशन शक्ति की महिला आइकॉन सीधे तौर पर बच्चों व महिलाओं से संवाद स्थापित कर एक ओर उनके मनोबल को बढ़ा रही हैं वहीं दूसरी ओर उनको अधिकारों के प्रति जागरूक कर रही हैं। विभाग की ओर से चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति व बाल आयोग के सदस्य विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों को गुड टच बैड टच, यौन उत्पीड़न, लैंगिक असमानता के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
महिला व बाल कानूनों पर वर्कर्स को दिया जाएगा ‘कैप्सूल प्रशिक्षण’
महिला कल्याण विभाग की ओर से वन स्टॉप सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों को महिलाओं और बच्चों से जुड़े कानून पर कैप्सूल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश के सभी वन स्टॉप सेंटर की सेंटर मैनेजर, काउंसलर और केस वर्कर्स को तीन बैचों में ये प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके तहत महिलाओं और बच्चों से जुड़े कानूनी अधिकारों के बारे में वर्कर्स को जानकारी दी जाएगी।
‘शक्ति संवाद’ में आज महिलाओं से होगी हक की बात
मिशन शक्ति के तहत आज प्रदेश में डीएम से महिलाएं व बच्चे हक की बात करेंगे। इसके लिए हर जिले में दो घंटे के संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिलाएं और बेटियां स्थानीय समस्याओं के साथ ही यौन शोषण, घरेलू हिंसा, दहेज़, आर्थिक समस्याओं, शिक्षा तक पहुंच की उपलब्धता की समस्या पर जिलाधिकारी से सीधे तौर पर बात करेंगी। जिलाधिकारी द्वारा मौके पर ही निवारण हेतु संबधित विभागों या अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। निदेशक महिला कल्याण व मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय ने बताया कि जिलाधिकारी से सीधे हक़ की बात करने के लिए जिलों में वेबिनार, डेडिकेटेड फोन लाइन, वीडियो कांफ्रेंसिंग का प्रयोग किया जाएगा । इस आयोजन से महिलाओं को अपनी समस्याओं को उचित फोरम पर उठाने का जहां मौका मिलेगा वहीं उनकी हिचक भी दूर होगी । इसके अलावा पोषण और स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों पर या किसी अन्य मुद्दों पर अगर किसी महिला या बच्चे की सुनवाई नहीं हो रही है तो वो जिलाधिकारी से सीधे बात कर सकते हैं।
डीएम को इन विषयों पर दे सकेंगी सूचना
इस कार्यकम में महिलाएं व बेटियां जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्र के असुरक्षित स्थानों की जानकारी दे सकती हैं। महिला सुरक्षा के तहत महिलाएं व छात्राएं विद्यालय के पास शराब की दुकान,विद्यालय के समय आस-पास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, किसी घर में महिला या बच्चे के साथ किसी प्रकार की हिंसा होना, आने-जाने वाले रास्ते में लाइट न होने से अंधेरे में असुरक्षित माहौल, शौचालय, भेदभाव रहित वातावरण का न होना, घरों में शौचालय की व्यवस्था का न होना जैसे विषयों के बारे में जानकारी डीएम के साथ साझा करेंगी।
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