Lucknow Corona Update:- कोरोना संक्रमित के लिए बहुत से तीमारदार घर पर एंबुलेंस बुलाते हैं, उन्हें इंतजार कराते हैं और बाद में कहते हैं कि मरीज होम आइसोलेशन में रहेगा। ऐसे एक या दो केस नहीं हैं, बुधवार का ही आंकड़ा लें तो एक दिन में 81 लोगों ने एंबुलेंस घर बुलाकर लौटा दी। औसतन डेढ़ से दो घंटे के इंतजार के बाद एंबुलेंस लौट जाती हैं। ऐसे में एंबुलेंस का वक्त खराब होता है और दूसरे गंभीर मरीजों को वक्त पर एंबुलेंस नहीं मिल पाती है।
राजधानी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 35 सामान्य एंबुलेंस, 15 प्राइवेट एंबुलेंस और सात एएलएस लगाई गई हैं। एएलएस अति गंभीर मरीजों को ले जाती है। एक मरीज को घर से लेने और अस्पताल पहुंचाने में औसतन डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है।
हर एंबुलेंस को सात से आठ मरीज शिफ्ट करने की जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन एंबुलेंस महज चार से पांच मरीज अस्पताल शिफ्ट करा पा रही है। वहीं सरकारी व निजी अस्पताल लेकर पहुंचने पर उन्हें अंदर शिफ्ट कराने में भी समय लग रहा है।
जनता को दिखानी होगी जागरुकता
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एंबुलेंस को देर तक रोकने की शिकायतें मिल रही हैं। मरीजों को फोन करके एंबुलेंस भेजने के बारे में जानकारी देते वक्त यह भी कहा जा रहा है कि तैयार रहें। एंबुलेंस ज्यादा देर नहीं रुकेगी। ऐसे में जब तक मरीज और तीमारदार सजगता नहीं दिखाएगा तब तक समस्या बनी रहेगी। पॉजिटिव मरीज को छोड़ा नहीं जा सकता है। एक से दो मरीज में तीन घंटे का समय बढ़ गया तो चौथे मरीज का समय प्रभावित होगा।
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ऐसे बिगड़ता है शेड्यूल
अफसरों का कहना है कि एक मरीज को शिफ्ट करने में दो घंटे का अतिरिक्त समय लगा तो दूसरे का शेड्यूल बिगड़ जाता है। दूसरे ने भी दो घंटे अतिरिक्त लगाए तो तीन से चार मरीज ही एक दिन में शिफ्ट हो पाते हैं। यही स्थिति अन्य एंबुलेंस के साथ भी होती है। इस स्थिति में ढाई से तीन सौ मरीजों को शिफ्ट करने के लिए बना टाइम टेबल ध्वस्त हो जाता है। एंबुलेंस चालक व उनके साथ मौजूद अन्य कर्मचारी इस बारे में लगातार शिकायत भी कर रहे हैं।
इन दो उदाहरणों से समझिए हालात…
एंबुलेंस बुलाई, डेढ़ घंटे बाद कहा- मरीज होम आइसोलेशन में रहेगा
महानगर इलाके में गुरुवार को एंबुलेंस एक मरीज को लेने गई। करीब एक घंटे तक मरीज इंतजार कराता रहा। इसके बाद तीमारदारों ने खाना खाने की जानकारी दी। करीब डेढ़ घंटा बाद भी मरीज बाहर नहीं आया। जब एंबुलेंस कर्मियों ने दोबारा कॉल किया तो मरीज ने होम आइसोलेशन में रहने की बात कही।
मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था, पर 24 घंटे बाद मिली एंबुलेंस
पीजीआई के वृंदावन में होम आइसोलेशन में कोविड मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था। तीमारदारों ने बुधवार दोपहर इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में कॉल कर हॉस्पिटल में शिफ्ट कराने का अनुरोध किया, लेकिन एंबुलेंस एलॉट नहीं हो सकी। गुरुवार दोपहर उन्हें एंबुलेंस से लोकबंधु अस्पताल भेजा गया।
इस तरह बढ़ा रहे एंबुलेंस की समस्या
राजधानी में बुधवार को ही 264 रोगियों को अस्पताल शिफ्ट कराने के लिए एंबुलेंस तय की गई। सभी मरीजों के घर एंबुलेंस पहुंची। 183 रोगियों को अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया। बाकी 81 रोगी ने एंबुलेंस वापस कर दिया। इस तरह कई तीमारदार एंबुलेंस सेवा का सिस्टम ध्वस्त करके दूसरे मरीजों की शिफ्टिंग का शेड्यूल बिगाड़ रहे हैं।
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